Wednesday 17 January 2018

शहीद ए आजम को लेकर रोमांचित हैं निखिल राज

NIkhil Raj

पटना 17 जनवरी जाने माने मॉडल और अभिनेता निखिल राज अपनी डेब्यू फिल्म शहीद ए आजम को लेकर रोमांचित हैं।
मिस्टर एंड मिस एटिच्यूड के विनर ,देव एंड दिवा सीजन 6 के विनर और मिस्टर इंडिया के पार्टिसिपेंट रहे निखिल राज निक्ज़ भगत सिंह के जीवन पर आधारित‘शहीद-ए-आजम’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं।अरूण पाठक निर्देशित यह फिल्म पूरे देश में यूएफओ के द्वारा 19 जनवरी को प्रदर्शित होने जा रही है। फिल्म में निखिल राज निक्ज़ मुख्य भूमिका में हैं और शहीद कमल नाथ तिवारी की भूमिका को रूपहर्ले पर्दे पर जीवंत करते नजर आएंगे ।
निखिल राज निक्ज़ फिल्म की रिलीज को लेकर रोमांचित महसूस कर रहे हैं। हाल ही में सीसीएल 2 में सम्मानित किये गये निखिल राज निक्ज़ ने फिल्म में अपनी भूमिका की चर्चा करते हुये बताया फिल्म के लिये 'हां' कहने में मैंने काफी समय लिया था। निखिल ने कहा, करियर की शुरूआत में पीरियोडिक फिल्म से डेब्यू करने में मुझे बहुत डर लग रहा था।शुरूआती दौर में ऐसा रोल करना एकदम से जुआ खेलने जैसा है। मेरे लिए कमलनाथ का किरदार निभाना एक कठिन फैसला था।
निखिल ने बताया कि महान क्रांतिकारी कमलनाथ तिवारी की भूमिका निभाना इतना आसान नहीं था। जिस तरह से अरूण पाठक सर ने इसे लिखा है और बताया है, वह बिल्कुल महानायक की तरह है। यह एक असाधारण किरदार है। फिल्म में अपने किरदार को साकार करना काफी चुर्नौतीपूर्ण रहा। अपने किरदार को लेकर काफी मेहनत करनी पड़ी, शूटिंग के पहले मैं उनके गांव के बुजुर्गों से मिला और कमलनाथ जी के बारे में सारी जानकारी हासिल की जैसे वो चलते कैसे थे, बैठते कैसे थे, किस मिजाज के थे और लोगों से बातें कैसे करते थे।हमारी पूरी टीम ने बहुत मेहनत करके ये फ़िल्म की शूटिंग पूरी की है जिसका सारा श्रेय इस फ़िल्म के निर्देशक अरुण पाठक को जाता है,मैं उनका एहसान कभी नहीं चुका सकता। उन्होंने मुझसे मेरा बेहतरीन काम करवाया है।
अरूण पाठक ने बताया कि फिल्‍म में भगत सिंह के कई अनछुए पहलुओं को कमलनाथ तिवारी की ओर से उजागर किया गया है। कमलनाथ तिवारी मूलत: बिहार के चंपारण से आते हैं। उनके अलावा भगत सिंह के आठ करीबी साथी और थे, जिनमें फणींद्रनाथ घोष, मनमोहन बनर्जी, योगेंद्र शुक्‍ला, केदारमणि शुक्‍ला, चंद्रमा सिंह, बतख मियां, गुलाली सोनार और बैकुंठ शुक्‍ला। ये सभी बिहार से आते थे। इनमें फणींद्रनाथ घोष की गद्दारी के वजह से भगत सिंह को फांसी हुई थी। उन्‍होंने भगत सिंह के खिलाफ गवाही दी थी। फिल्‍म में उस गद्दार के जिंदगी का अंत भी दिखाया गया है। उन्‍होंने कमलनाथ तिवारी का जिक्र करते हुए कहा कि वे आजादी के बाद लगातार 12 वर्षों तक सांसद भी रहे। इसी दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मतभेद सामने आये और कुछ दिन में उनकी संदेहास्‍पद मृत्‍यु हो गई थी। इससे पहले वे जब तक जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री रहे, तब तक संसदीय राजनीति से दूर रहे। क्‍योंकि वे भगत सिंह की फांसी के लिए उन्‍हें भी जिम्‍मेवार मानते थे।
उल्लेखनीय है कि फिल्‍म में निखिल राज निक्ज़ के अलावा राहुल पाठक, सिबू गिरी, रूद्र तिवारी, प्रशांत कुमार, नीरज सिंह, राजदीप कुमार, सुनील सिंह, चन्‍नू चौबे, सुमित तिवारी, चंदन झा, मुकेश झा, इमरान खान, प्रकाश तिवारी, संजय दूबे, इमरान शेख की भी अहम भूमिका है।फिल्‍म के गाने देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हैं, जिसके गीत फणींद्र राव, अविनाश पांडेय, सत्‍येंद्र मिश्रा और पवन शर्मा ने लिखे हैं। जबकि संगीत काजल पाठक और दामोदर राव ने दिया है। फिल्‍म के पोस्‍ट प्रोडक्‍शन सुपरवाइजर ऋषिता पांडेय, स्‍टूडियो एस एन प्रोडक्‍शन और डीआई कलरिस्‍ट आशु मिश्रा हैं। वहीं फिल्‍म का स्‍क्रीनप्‍ले अविनाश पांडेय ने तैयार किया है।फिल्म की ज्यादातर शूटिंग बिहार में की गयी है।
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