Monday, 22 January 2018

मिसेज एशिया यूनिवर्सल डा मनीषा रंजन इतनी आसान नही रही !

Manisha Ranjan

तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
         महान कवि हरिवंश राय बच्चन की रचित इन पंक्तियों को जीवन में उतारने वाली मिसेज एशिया यूनिवर्सल डा मनीषा रंजन की डगर इतनी आसान नही रही और उन्हें इसके लिये अथक परिश्रम का सामना करना पड़ा।बिहार की राजधानी पटना में जन्मी मनीषा रंजन के पिता श्री बी पी पांडे उन्हे उच्च अधिकारी के तौर पर देखना चाहते थे। इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी होने के बाद मनीषा रंजन की शादी हो गयी और वह पारिवारिक जिम्मेवारियों में बंध गयी। मनीषा रंजन की ख्वाहिश थी कि वह बतौर चिकित्सक बनकर समाज की सेवा करे। इसी को देखते हुये उन्होने होमियोपैथिक में चार साल का कोर्स किया। मनीषा रंजन की रूचि बचपन के दिनों से ही संस्कृत में थी और इसी को देखते हुये उन्होने संस्कृ़त से पीएचडी किया। वर्ष 2001 में मनीषा रंजन अपने पति और लेपरोसी सर्जन डा राजीव रंजन के पास नवादा चली गयी और वहां उन्होने करीब एक साल तक निशुल्क होमियोपैथ चिकित्सक के तौर पर काम किया।
           कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस बात को साबित कर दिखाया मनीषा रंजन ने ।वर्ष 2003 में अपने सपनें को नया आकार देने के लिये मनीषा रंजन पटना आ गयी और यहां ब्यूटी क्लिनिक कम सैलून की नीवं रखी । यह बिहार के लिये एक नयी क्राति थी। मनीषा रंजन अपने ब्यूटी क्लिनिक के जरिये महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने लगी। मनीषा ने 500 से अधिक महिलाओं को निशुल्क शिक्षा दी ,इनमें से कई महिलायें ऐसी भी है जो खुद का ब्यूटी क्लिनिक चलाती है।
     मनीषा रंजन बचपन के दिनों से ही सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती रही है। मनीषा रंजन ने स्लम एरिया की महिलाओं को हर संभव मदद करने का फैसला किया और वह इस दिशा में आज भी काम कर रही है। वर्ष 2017 मनीषा रंजन के करियर का अहम साल साबित हुआ। मनीषा रंजन को उनके एरोबिक्स टीचर  सोनू राय ने मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को कहा। मनीषा रंजन को पहले तो यह बात मजाक लगी लेकिन परिवार खास तौर पर पति के जोर देने पर मनीषा रंजन ने शो में हिस्सा लिया और टॉप 10 में स्थान बनाने में कामयाब रही।मनीषा ने बताया कि उनके लिये सबसे खुशी की बात यह रही की शो के जज बॉलीवुड अभिनेता अमन यतन वर्मा उनकी काफी तारीफ कर आगे बढ़ने का हौसला दिखाया।
         कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं। मनीषा ने इसके बाद लंदन में हुये मिसेज एशिया यूनिवर्सल शो में हिस्सा लिया और वह शो की विजेता बन गयी।
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है...
मनीषा रंजन इसके बाद अपने घर पटना आ गयी। मनीषा ने मिसेज इंडिया यूनिवर्सल का खिताब बिहार की जनता को समर्पित किया है। मनीषा रंजन की लोकप्रियता अब चरम पर थी । मनीषा रंजन को सीसीएल 2 का ब्राड अम्बेसड बनाया गया है।मनीषा रंजन ने बताया कि बिहार में सीसीएल 2 जैसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाने से बिहार की अलग पहचान बनेगी। सीसीएल 2  की परिकल्पना Say NO to DRUGS  और  Say NO to DOWRY को ध्यान में रखकर की गयी है।जो अपने आप में बहुत बड़ा कदम है। मैं इस बात के लिये सीसीएल 2 की आयोजनकर्ता श्रीमती मनीषा दयाल जी और श्री चिरंतन कुमार जी को हार्दिक बधाई देती हूँ जिन्होंने सीसीएल का आयोजन किया।इस तरह का आयोजन का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण समाज को सकरात्मक सन्देश देना व युवाओं के सपनों को नए पंख देना है. इस तरह के कार्यक्रम से युवाओं का मनोबल बढ़ता है और वो पूरे जोश और जुनून से अपने कार्यों का निर्वाहन करते हैं।उन्होने बताया कि क्रिक्रेट हो या सिनेमा भारतीय दर्शक दोनों को बेहद पसंद करते हैं। सीसीएल 2 के जरिये मनोरंजन के साथ ही समाज में संदेश देने का भी काम किया जा रहा है और इसी को देखते हुये वह सीसीएल की ब्रांड एम्बेसडर बनी है।उन्होंने बताया कि आज महिलाएं किसी भी पैमाने पर पुरुषों से कम नहीं हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली बेटियां आज अपने दम पर समाज में फैली कुरीतियों को मिटाकर और पुरुषों के साथ हर कदम पर साथ चलकर इतिहास रच रही हैं। यदि हमें सशक्त समाज का निर्माण करना हैं तो सबसे पहले बेटियों को सशक्त करना होगा।
    मनीषा रंजन के मिसेज इंडिया यूनिवर्सल बनने के बाद बिहार की मॉडलस उन्हें प्रेरणाश्रोत मानते हुये उनके नक्शे कदम पर चलना चाहती है। मनीषा रंजन ने बताया कि वह जल्द ही राजधानी पटना में एक इंस्टीच्यूट खोलेंगी जिनके जरिये वह मॉडलस की ग्रूमिंग करेंगी।मनीषा रंजन ने कहा कि आज फैशन के प्रति हमें सोच को बदलने की जरुरत है।फैशन शो के द्वारा हम अपने कला को कपड़ों के माध्यम से प्रदर्शित करते है। फैशन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये हमें समाज में एक अलग पहचान दिलाता है। मनीषा रंजन ने बताया कि उन्हें आज भी पढने का बेहद शौक है और समय मिलने पर वह शिवानी , यशपाल मुंशी प्रेमचंद के लिखे उपन्यासों को पढ़ती है।मनीषा रंजन के सपने  सपने यूं ही पूरे नही हुये , यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तेहान होता है। डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में, लड़ने वालो के कदमो में जहां होता है।मनीषा रंजन को कई बॉलीवुड और टीवी फिल्मों में काम करने के प्रस्ताव मिल रहे है लेकिन वह फैशन और सामाजिक क्षेत्र में ही काम करना चाहती है।मनीषा रंजन ने बताया कि वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पति डा राजीव रंजन को देती है जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है।मनीषा अपने पति को रियल हीरो मानती है उन्हें याद कर गुनगुनाती है , मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से चुराया है मैंने किस्मत की लकीरों से , सदा ही रहना तुम मेरे करीब होके चुराया है मैंने किस्मत की लकीरों से।
Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: